रावतभाटा(राजस्थान).78 साल के कंवरलाल। चिट्ठी बाबा के नाम से
मशहूर हैं। सिर्फ आठवीं पास हैं। कंवरलाल एक ही काम करते हैं- चिट्ठी
लिखने का। 12 साल में विधायक, सांसद से लेकर राष्ट्रपति तक को चार हजार से
ज्यादा चिटि्ठयां लिख चुके हैं। इन्हीं के प्रयासों से रावतभाटा के
खातीखेड़ा बाड़िया गांव में पानी पहुंच चुका है, अब बिजली और सड़क भी आ रही
है। रावतभाटा
से 32 किमी आगे और मुख्य सड़क से 7 किमी कच्चे रास्ते पर चलें तो आता है
खातीखेड़ा बाड़िया। राणाप्रताप सागर बांध के विस्थापितों के लिए बसे इस गांव
में 2004 तक लोग 7 किमी चलकर पानी लाते थे। कंवरलाल की कोशिशों से 500
लोगों की आबादी के लिए 60 लाख रु. की योजना मंजूर हुई। उन्होंने गांव को
राजस्व ग्राम घोषित करवाया ताकि गांव को बजट का सीधा फायदा मिल सके।
विधायक और सांसद बोले : हम जहां जाते, वहां ये चिट्ठी लेकर तैयार मिलते, हमें हाथ जोड़ने पड़ते थे
सांसद
सीपी जोशी और विधायक सुरेश धाकड़ बताते हैं- ‘हम जब भी इस गांव में आते या
आसपास भी कहीं होते तो बाबा अपनी चिट्ठी-पत्री लेकर वहीं पहुंच जाते।’
पिछली 15 जुलाई की बात है। बरखेड़ा पंचायत में श्रमिक कार्ड वितरण समारोह चल
रहा था। विधायक सुरेश धाकड़ मौजूद थे। कंवरलाल भी वहां पहुंच गए। उन्होंने
जैसे ही गांव में बिजली के लिए विधायक को चिट्ठी देनी चाही विधायक ने हाथ
जोड़ दिए। कहा-बाबा जहां जाता हूं, वहीं पहुंच जाते हो। हाथ जोड़कर कहता हूं।
2017 से पहले आपके गांव में सारे काम हो जाएंगे। काम नहीं करा पाया तो
गांव में घुसुंगा भी नहीं। सांसद जोशी कहते हैं-जिले में 1400 गांव हैं,
लेकिन मुझे सिर्फ खातीखेड़ा बाड़िया का नाम याद है।

No comments:
Post a Comment