जयपुर.आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी
को भले ही अलवर जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनाकर आरसीए का अध्यक्ष बनाने
की तैयारी हो, लेकिन उनकी राह में कई रोड़े हैं। आरसीए के संविधान के अनुसार
रुचिर मोदी आरसीए के अध्यक्ष नहीं बन सकते।
हालांकि, उनके पिता खुद आरसीए संविधान की शर्तों को तोड़कर आज तक अध्यक्ष पद पर बैठे हुए हैं।
हालांकि, उनके पिता खुद आरसीए संविधान की शर्तों को तोड़कर आज तक अध्यक्ष पद पर बैठे हुए हैं।
ऐसे
में माना जा रहा है कि आरसीए अध्यक्ष पद पर रुचिर की ताजपोशी ललित मोदी के
लिए आसान नहीं होगी और अगर वे इसमें सफल भी हो जाते हैं तो पिता की तरह
बेटे के साथ भी विवाद जुड़ जाएंगे। विरोधी मामले को फिर कोर्ट में ले जा
सकते हैं। हालांकि, तस्वीर लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने या नहीं
करने की स्थिति के बाद साफ होगी। आरसीए के संविधान के अनुसार अध्यक्ष बनने
के लिए चार शर्तें जरूरी हैं।रुचिर
इनमें से दो को पूरी ही नहीं करते। इनमें एक शर्त है-चुनाव लड़ने वाला शख्स
राजस्थान का मूल निवासी होना और दूसरी यह कि वह जिस जिला क्रिकेट संघ से
निर्वाचित हुआ है, वहां कम से कम चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुका हो।
रुचिर को अलवर जिला क्रिकेट संघ में अध्यक्ष बने महज 22 दिन हुए हैं और वे
राजस्थान के निवासी भी नहीं हैं। उनकी ओर से राजगढ़ में खरीदे गए प्लॉट में
एड्रेस भी मुंबई का है। सरकार का रोल भी इस मामले में अहम रहेगा। संविधान
संशोधन भी कराया जाता है तो अंतिम मंजूरी सरकार से ही लेनी होगी।

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