जयपुर/.मंत्रिमंडल फेरबदल में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी का मंत्री बनना तय था, लेकिन ऐनमौके पर फैसला बदला गया। परनामी मंत्री बनते तो कालीचरण सराफ या रामनारायण डूडी में से कोई एक अध्यक्ष बनाया जाता।हालांकि, सराफ पर सहमति भी बन गई थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने वीटो इस्तेमाल किया। परनामी के इस पद पर लगातार दूसरी बार रहने का अनुभव और उनके द्वारा संगठन की नई टीम लगभग फाइनल कर लेने के कारण उन्हें ही अध्यक्ष के रूप में बरकरार रखने का निर्णय लिया गया। उधर, जिन मंत्रियों के विभाग बदले गए हैं, उनके विभागों में या तो घोटाले हुए या वे उम्मीद के हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर पाए।ये सब तैयारी मोटे तौर पर आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखी जा रही है। यह भी माना जा रहा है कि अब बारी पुअर परफोरमेंस वाले विधायकों की है। इनका आगामी चुनाव में टिकट कटेगा। यह इस बात का संकेत भी है कि अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

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