मावंडा
(सीकर).
यह हकीकत है या कोई फसाना या फिर कोई कुदरती करिश्मा,
मगर बात है बेदह चौंका देने वाली। चौंकना इसलिए क्योंकि पहाड़ी में सोने-चांदी के आभूषणों की तलाश हो रही है। पता नहीं कब किसको क्या कीमती आभूषण हाथ लग जाए। यह सब इन दिनों राजस्थान के सीकर जिले की नीमकाथाना तहसील के गांव जीलो में हो रहा है! यहां के लोगों की मानें तो पहाड़ी पर करीब सात सौ साल पुराना किला व हवेलियां हैं। इनमें सोने-चांदी के आभूषणों का खजाना दबा हुआ है। आभूषणों के टुकड़े बरसात के दिनों में पानी के साथ बहकर पहाड़ी के नीचे नाले में आ रहे हैं।
ऐसा मामला जानकारी में आने पर मंगलवार को पत्रिका संवाददाता मौके पर गया तो उसे नाले के पास एक युवक पत्थरों के बीच बजरी में कुछ खोजता मिला।
पूछताछ करने पर एकबारगी तो युवक ने कोई जवाब नहीं दिया, मगर बाद में बताया कि हवेली व किले से बारिश के दिनों में सोने-चांदी के आभूषणों के टुकड़े बहकर आते हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
युवक ने बताया कि ऐसा वह अकेला ही नहीं कर रहा बल्कि गांव के कई लोग सोने-चांदी के टुकड़ों की तलाश करते रहते हैं।
गांव के द्वारका सिंह ने बताया कि 70 साल पहले किले व हवेलियों को छोड़कर राजपूत परिवार समतली भाग में आकर बसने के बाद यहां से सोने-चांदी के टुुकड़े बरसात के दिनों में बहकर नीचे की ओर आते रहते हैं।
गांव के दलीप सिंह ने बताया की किले व हवेलियों को देखने के लिए 15 साल पहले तक यहां विदेशी पर्यटक आते रहते थे। अब रास्ते के अभाव व जर्जर होती हवेलियों व किले के कारण विदेशी सैलानियों ने यहां आना बंद कर दिया।

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