- जहां एक ओर परिवार के सदस्यों का रो रो कर बुरा हाल था वहीं उन्हें अपने शहीद बेटे के बलिदान पर गर्व और फक्र भी था अंतिम दर्शन के पश्चात उनके पुत्र फूलसिंह ने शहीद को मुखाग्नि दी।
उग्रवादियों से लड़ते हुए प्राप्त की वीरगति अंतिम यात्रा में शामिल सूबेदार ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि 19 नवंबर की सुबह असम में 15 कुमाऊं रेजिमेंट में तिनसुकिया के पेनगिरी एरिया में एडम ड्यूटी के लिए गाड़ियां लेकर बटालियन एरिया में आ रहे थे।रास्ते में उग्रवादियों ने सेना की टुकड़ी पर हमला बोल दिया तथा जवानों पर आईडी ब्लास्ट किया।
- आईडी ब्लास्ट से सभी गाड़ियां रुक गई और उग्रवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी। नरपतसिंह ने अंधाधुंध फायरिंग के एरिया से अपने वाहन को बाहर निकाला तथा जवाब में फायरिंग करनी शुरू की। इस दौरान एक गोली उनके कंधे पर लगी, जिससे उनका खून बहने लगा उग्रवादियों ने आरपीजी फायर किया जिसके टुकड़े उनके शरीर में घुस गए। नरपतसिंह वीरता का परिचय देते हुए अंतिम सांस तक लड़ते रहे, लेकिन उग्रवादी घने कोहरे और जंगल का फायदा उठाकर वहां से भाग गए।

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