मेरठ जिस पिता के कंधे पर अभी बेटियों के भविष्य की जिम्मेदारी थी, मंगलवार को उन्हीं बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया तो हर शख्स की आंखें नम हो गईं। पिता को मुखाग्नि देते हुए बेटी फफक कर बस इतना बोली कि पापा...हमें अकेला छोड़ गए। रूठने पर अब कौन हमें मनाएगा। इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस के अधिकारी दिल्ली आकाशवाणी के डिप्टी डायरेक्टर नीरज गोयल (46) की सोमवार रात को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। रात में पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार सुबह पांच बजे शव घर पहुंचा तो परिजन बेसुध हो गए। सुबह छह बजे कानपुर मायके से उनकी पत्नी अर्चना और बेटियां रितिका और अक्षिता पहुंचीं तो ढांढ़स बंधाने वालों के भी सब्र का बांध टूट गया।
दोपहर एक बजे नीरज गोयल के शव को सूरजकुंड लाया गया तो बेटियों ने कंधा देने की इच्छा जता दी। दोनों बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया तो हर आंख नम हो गई। बड़ी बेटी रितिका ने पिता के शव को मुखाग्नि दी। सूरजकुंड पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल, अपर महानिदेशक आल इंडिया रेडियो आरजी घोष, अपर महानिदेशक आल इंडिया रेडियो पीपी भट्टाचार्य, उपमहानिदेशक एआइआर आरके सैनी, वीपी यादव, सतेंद्र कुमार, दीपक जोशी, संगीता श्रीवास्तव समेत दूसरे गण्यमान्य लोगों ने दिवंगत अधिकारी को श्रद्धांजलि दी।
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Friday, 4 November 2016
"मेरठ में बेटियों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा",
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